बुखार के इलाज का बिल थमाया 18 लाख, फिर भी नहीं बची महिला की जान

बुखार के इलाज का बिल थमाया 18 लाख, फिर भी नहीं बची महिला की जान

दिल्ली-एनसीआर में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी की बात कोई नई नहीं है. कई दफा ऐसे मामले सामने आए हैं. कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ है. हरियाणा के फरीदाबाद में अस्पताल ने सिर्फ बुखार की बीमारी का बिल 18 लाख रुपये थमा दिया. जिससे परिवार को गहरा सदमा पहुंचा. एक गर्भवती महिला का इलाज चल रहा था, उन्हें बुखार की शिकायत थी. इलाज के बावजूद भी महिला की जान नहीं बच सकी और उनकी मृत्यु हो गई.

परिवार ने फरीदाबाद के एशियन अस्पताल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 22 दिनों का बिल 18 लाख रुपये बताया है. एक तरफ तो परिवार ने अपने सदस्य को खो दिया, ऊपर से ऐसा बिल देखकर उनकी हालत और भी चौंकाने वाली हो गई. ये मामला आठ जनवरी का है.

मृतक महिला के चाचा के अनुसार, तेज बुखार के कारण महिला को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. अस्पताल की ओर से उसे टाइफाइड की बीमारी बताई गई, फिर कहा गया कि आंत में छेद है. परिवार के सदस्य ने बताया कि पहले ऑपरेशन के लिए 3 लाख रुपये मांगे गए और उसके बाद 10-12 लाख रुपये और भी लिए गए.

उनके अनुसार ऐसा करते हुए ही अस्पताल ने कुल 18 लाख रुपये वसूल लिए. हालांकि, अस्पताल की ओर से जारी कहा गया कि महिला 32 सप्ताह की गर्भवती थी. उन्हें पिछले 8-10 दिन से बुखार था. बच्चे के बचने की संभावना कम थी. इसी कारण सर्जरी की गई थी.

बता दें कि अभी हाल ही में राजधानी के मैक्स अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई थी. अस्पताल ने जीवित बच्चों को मृत घोषित कर दिया था और कागज तथा कपड़े में बांधकर परिजनों को दे दिया था. जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया था.

दरअसल शालीमार बाग में स्थित मैक्स हॉस्पिटल में एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. इनमें एक लड़का था और दूसरी लड़की. परिवार वालों ने बताया कि डिलीवरी के साथ ही बच्ची की मौत हो गई. डॉक्टरों ने दूसरे जीवित बचे बच्चे का इलाज शुरू किया, लेकिन एक घंटे बाद अस्पताल ने बताया कि दूसरा बच्चा भी मर गया था.

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